हिमालय साहित्य मंच और अर्की कॉलेज के संयुक्त संयोजन में आयोजित भव्य
"अर्की साहित्य उत्सव" का आज 11 बजे अर्की कॉलेज
सभागार में आयोजन हुआ। तीन सत्रों में आयोजित यह कार्यक्रम 11 बजे से सांय 5 बजे तक बिना ब्रेक के चला। मुख्य
अतिथि एसडीएम अर्की साहित्य अनुरागी श्री केशव राम जी थे और अध्यक्षता डॉ.देवेंद्र
गुप्ता ने की। विशिष्ट अतिथि कॉलेज अर्की के प्रधानाचार्य डॉ.जगदीश शर्मा और विशेष
अतिथि डॉ.हेमराज कौशिक और डॉ.शंकर विशिष्ट थे। इस उत्सव का संयोजन और परिकल्पना
मंच के अध्यक्ष एस आर हरनोट की थी जिसे साकार करने में एसडीएम केशव राम जी ने बड़ी
भूमिका निभाई।
पहला
सत्र छात्रों के संगीत और कविता पाठ का था। दूसरा लोक संगीत और तीसरा सत्र कविता
पाठ का रहा। छात्रों और वक्ताओं ने चुनाव उत्सव को अत्यधिक मतदान में परिवर्तित
करने हेतु उपस्थित जनसमूह को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए भी प्रेरित किया।
मुख्य
अतिथि केशव राम जी ने जहां अर्की क्षेत्र के कॉलेजों और वरिष्ठ माध्यमिक
विद्यालयों में ऐसे और साहित्य उत्सव के आयोजनों की घोषणा की वहां आचार संहिता और
होने वाले चुनाव के बारे में भी बहुत सी महत्वपूर्ण बातें की। डॉ.गुप्ता ने इसे
छात्रों और वरिष्ठ साहित्यकारों का बड़ा साहित्य और सांस्कृतिक संवाद बताया और
कार्यक्रम की सफलता हेतु एसडीएम अर्की, अर्की कॉलेज और
हिमालय मंच की सराहना की।
हिमालय
मंच ने अर्की कॉलेज के समस्त स्टाफ सहित सदस्यों के आतिथ्य के लिए कॉलेज कंटीन के
कर्मचारियों और
दक्ष शुक्ला जी तथा कुलदीप गर्ग तरुण जी का आभार व्यक्त किया।
खूबसूरत
मंच संचालन के लिए डॉ.रमेश शर्मा और डॉ.राजन तनवर को बधाई दी गई। हिमालय मंच के
सदस्यों के अतिरिक
जो वरिष्ठ साहित्यकार दूर दूर के क्षेत्रों से आए थे उनका भी
धन्यवाद किया।
हिमालय
मंच के जिन सदस्य लेखकों ने अपनी अपनी रचनाओं के साथ उत्सव में भागीदारी की उनमें
डॉ हेमराज कौशिक,
डॉ शंकर वशिष्ठ, डॉ विजय लक्ष्मी, डॉ सत्यनारायण स्नेही, डॉक्टर जगदीश बाली, रोशन जसवाल, डॉ अनिता शर्मा, कुलदीप
गर्ग तरुण, जगदीश कश्यप, दीप्ति
सारस्वत, दिनेश शर्मा, दक्ष शुक्ला,
अश्वनी कुमार, कल्पना गांगटा, वीरेंद्र कुमार, धनंजय सुमन, रत्न
चंद निर्झर, राजकुमार गौतम, जगदीश गौतम,
प्रेमलाल शास्त्री, कमला ठाकुर और स्थानीय
वरिष्ठों में चेतराम भारद्वाज, विद्या सागर भार्गव और हेमराज
गौर प्रमुख थे।
संगीत
के कार्यक्रम को अर्की कॉलेज के संगीत विभाग ने बहुत सुंदर डिजाइन किया था।
डॉ.हेतराम भारद्वाज,
सहायक प्राचार्य की सितार पर मुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति थी जिनकी
तबले पर युवाछात्र कलाकार हेमंत ने संगत की। टेबल पर हरीश भी मौजूद रहे। पहाड़ी
लोकगीतों की सुंदर प्रस्तुतियां जिन छात्रों ने दी उनमें रोहिणी, निधि ठाकुर, वर्तिका, मधु और
हेमलता शामिल रहीं। इन्हीं के साथ आकाशवाणी शिमला और दूरदर्शन के जानेमाने एंकर और
ओके कलाकार जगदीश गौतम की नाटियों और गीतों ने समा बांध दिया वहां डॉ.अनिता शर्मा
ने चंबा का गीत प्रस्तुत किया।
हमारे
मंच के बहु सक्रिय सदस्य लेखक दक्ष शुक्ला के बेटे भरत शुक्ला की गिटार और गीत की
प्रस्तुति बहुत शानदार थी। उनका LUVINAFT Dehli, NCR and GuruGram के नाम से अपना बैंड है।
पहाड़ी, हिंदी और अंग्रेजी में जिन बच्चों ने कविताओं से समा बांधा उनमें नेहा,
सपना, अंजली, मनीषा
शांदिल, दीप शिखा, मुस्कान, प्रेमिका, नंदिनी, संयुक्ता,
गुंजन,मधु, अर्चना और
कविता मुख्य थीं।
पूरे
उत्सव की फोटोग्राफी और बीडियोग्राफी मंच के
कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने संभाली थी और सभी चित्र उन्हीं के सौजन्य से यहां
प्रस्तुत हैं।
कुल
मिला कर यह एक यादगार और भव्य साहित्य उत्सव था जिसकी गूंज अर्की क्षेत्र में ही
नहीं बाहर भी
बहुत दिनों तक रहेगी।